Chopra Nethralaya

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    Eye-Test.

    मानसून में आंखों को कंजक्टीवाइटिस या स्टाई से बचाव 

    गर्मियों के दिनों मे सभी लोगो को मानसून के आने का इंतज़ार रहता है ताकि उन्हें गर्मी से राहत मिल सके | जब बारिश आती है तब कुछ लोग बारिश का अनांद मनाते खुश होते है | जिसके साथ ही अनेक बीमारिया जनम लेती है | इसमें से कुछ है कंजक्टीवाइटिस यह आँखों मे होने वाली बीमारी है | गंदे हाथ आँखों पर लगाना, आँखों को साफ कपडे सा न साफ करना, आँखों का लाल हो जान तथा सूज जाना आदि | 

    कंजक्टीवाइटिस को फैलने से रोकना :-

    बारिश के दिनों में हमें इस वायरस को रोकने के लिए निम्नलिखित सावधानियों का प्रयोग करना चाहिए :-

    • कंजक्टीवाइटिस को दुसरो तक फैलने से रोकने के लिए कपड़ो को किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए | 
    •  आंखों को हाथ लगाने से बचाव करें | 
    •  अगर कोई व्यक्ति इस रोग से संक्रमित हो तो उसकी आँखों मे कुछ कुछ समय पश्चात आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें |
    • आँखों में बार बार कपड़े का इस्तेमाल करने से बचे | 
    •  बच्चो को खुद से दूर रखें और ज्यादा सावधानी बरते | ताकि यह वायरस दूसरो को न हो पाए | 
    • इस वायरस से आंखे लाल हो जाती है | आँखों मे खुजली जैसा महसूस होता है |
    • हाथों को धोते रहना चाहिए | 
    • पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए | 

     कंजक्टीवाइटिस के लक्षण :

    • जब किसी व्यक्ति को कंजक्टीवाइटिस वायरस होता है तब उसकी आंखें लाल हो जाती है
    • उसकी आँखों मे सूजन आ जाती है | 
    •  आँखों से लगातार पानी निकलता रहता है | 
    • इस वायरस के कारण व्यक्ति को धुंधला दिखाई देने लगता है |
    • आँखों की पुतली में भी सूजन आ जाती है | 
    • सोने के बाद आँखों से सफ़ेद रंग का बैक्टीरिया निकलता है | 

    डॉक्टर की सहायता लेना :- 

     → जब यह महसूस होने लगे की आँखों मे दर्द ज्यादा हो गया है | उस समय हमें डॉक्टर के पास जाना चाहिए | 

     → जब आँखों मे सूजन बढ़ जाये तब हमे डॉक्टरी सहायता लेनी चाहिए | 

     → आँखों का ज्यादा लाल हो जाने और धुंधला दिखाई देने पर डॉक्टर की मदद लेनी चाहिये | 

     उपचार :- कंजक्टीवाइटिस को कई प्रकार के उपचारों के साथ भी ठीक किया जा सकता है जो नीचे लिखे अनुसार है |  

     ⬄ वायरल कंजक्टिवाइटिस :- इस प्रकार के वायरस में इसका कोई उपचार नहीं है बल्कि यह कुछ दिनों बाद अपने लक्षण दिखा कर खुद ही ठीक हो जाता है |  

    बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस :- इस अवस्था में एंटीबायोटिक सबसे बेहतर उपचार है | इस वायरस को कम करने के लिए एंटीबायोटिक जेल या ड्रॉप्स मिलते है | जिनका प्रयोग करके व्यक्ति जल्दी ही ठीक हो जाता है | 

    ͎⬄ एलर्जिक कंजक्टीवाइटिस :- इस अवस्था मे बाकि लक्षणों के साथ साथ आंखे भी सूज जाती है | इस एलर्जी को ठीक करने के लिए एंटी हिस्टॅमिल ऑय ड्राप भी दिया जाता है और एंटी इंफ्लेमेटरी भी दिया जाता है| ताकि इससे मरीज़ को राहट मिले |

     कंजक्टीवाइटिस क्या यह दोबारा हो सकता है ?

     जी हा! यह एलर्जी दोबारा होने की संभावना है अगर आपको आपकी आंख पर खुजली, सूजन महसूस होता है | इस वायरस को दुबारा होने सा बचने के लिए कुछ सावधानियों का प्रयोग करना चाहिए जैसे की :- 

     ⧫ अपने सारे निजी सामान को साफ सुथरा रखना | 

     ⧫ ऑय मेकअप करने से बचना चाहिये |यदि आपको घरेलू उपचार करने के बाद भी कोई आराम न मिले तो आप चोपड़ा नेत्रालय से सम्पर्क कर सकते है |