यदि आपने भी कभी धुँधली दृष्टि का अनुभव किया है और आपकी आंखों की दृष्टि धीरे-धीरे कमज़ोर हो रही है तो यह सामान्य आंख की परिस्थिति हो सकती है | लेकिन अब यह प्रश्न उठता है की क्या बिना किसी सर्जरी के मोतियाबिंद जैसी गंभीर समस्या का इलाज किया जा सकता है ? उससे पहले आइये जान लेते है मोतियाबिंद क्या होता है :-
मोतियाबिंद क्या है ?
मोतियाबिंद आंखों से जुड़ी एक ऐसी समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के आंखों की दृष्टि में धीरे-धीरे धूंधलापन आ जाता है | यह तब होता है, जब आंखों में मौजूद प्रोटीन टूटकर धुँधले धब्बे में परवर्तित हो जाते है और और यह आंखों की लेंस में जमा होने लग जाते है | यह धब्बे समय के साथ-साथ बढ़ने लग जाते है, जो आंखों की दृष्टि को धुँधला करने का कार्य करते है | मोतियाबिंद एक आँख पर या फिर एक ही समय में दोनों आंखों पर उत्पन्न हो सकती है |
रोकथाम कैसे करें
इस परिस्थिति में रोकथाम करना बेहद महत्वपूर्ण होता है | हालांकि आप हमेशा मोतियाबिंद के इलाज से जुड़ी दवाओं से बच नहीं सकते, लेकिन कुछ कदम उठाने से आप इसके जोखिम को कम करने की कोशिश ज़रूर कर सकते है | इसलिए इस बात का ध्यान रखें की धुप में पहनकर ही निकले, यह युवी रेज़ से आंखों की रक्षा करता है | एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार का सेवन करें और धूम्रपान, शराब जैसे नशीली पदार्थों से दूर रहे | यह कदम सभी मोतियाबिंद से पीड़ित मरीज़ों को इस समस्या से पड़ने वाले प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है | आइये जानते है मोतियाबिंद के प्रमुख लक्षण कौन-से है :-
मोतियाबिंद के प्रमुख लक्षण क्या है ?
- मोतियाबिंद की शुरुआत आंखों की दृष्टि में धुँधलेपन से ही होती है, तो धीरे- धीरे बढ़ने लग जाती है, जिससे वस्तुओं को पहले जैसा देखना थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता है |
- मोतियाबिंद से पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रकाश के प्रति संवेदनशील होना स्वाभाविक हो जाता है, क्योंकि मरीज़ की दृष्टि उजाले में फंसी तिरछी नज़र की तरह दिखाई देने लग जाते है |
- रात को ठीक से दिखाई देना
- आंखों की दृष्टि का फीका रंग होना
- दोहरी दृष्टि का दिखाई देना
- रोशनी के चारों और हेलो प्रभाव पड़ना
क्या सर्जरी के बिना मोतियाबिंद का किया जा सकता है इलाज ?
यदि आप बिना सर्जरी के मोतियाबिंद का इलाज करवाना चाहते है तो इसके लिए आप निम्नलिखित दिए गए विकल्पों का चुनाव कर सकते है, जिनमें शामिल है :-
- जीवनशैली में परिवर्तन :- जीवन शैली में कुछ बदलाव लाने से आप मोतियाबिंद से पड़ने वाले प्रभावों को कम करने की कोशिश कर सकते है | इसलिए अस्वास्थ्यकर आदतों से दूर रहे, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां का सेवन करें, नशीली पदाथों का सेवन बिलकुल न करें |
- निर्धारित किये गए आईवियर :- कभी-कभी डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया गया एक चश्मों का जोड़ी, मोतियाबिंद से प्रभावित दृष्टि को बेहतर बनाने का काम कर सकता है | इसलिए नेत्र देखभाल चिकित्सक के पास जाएं और अपने दृष्टि की जाँच करवाएं |
- आई थेरेपी और आई एक्सरसाइज को अपनाएं :- ऐसी आई थेरेपी और आई एक्सरसाइज को अपनाएं, जिसकी मदद से आप बिना सर्जरी के मोतियाबिंद को कम करने की कोशिश कर सकता है |
यदि यह सब करने आपकी दृष्टि में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे है तो इस युक्ति को आगे तक जारी रख सकते है, लेकिन यह युक्ति की मदद से आप केवल मोतियांबिंद से पड़ने वाले प्रभावों को कम करने की कोशिश कर सकते है | यदि आप मोतियाबिंद की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते है तो इसके लिए बेहतर यही है की आप डॉक्टर के पास जाये और अपन इलाज करवाएं |
अब अगर बात करें की क्या बिना सर्जरी के मोतियाबिंद का इलाज किया जा सकता है, तो ऐसा बिलकुल नहीं है, हालांकि आप केवल इससे पड़ने वालो प्रभावों को कम करने के कोशिश कर सकते है, लेकिन अगर आप मोतियाबिंद का सटीकता से इलाज करवाना चाहते है तो इसके लिए आप बेहतर विकल्प यही है की आप डॉक्टर की निगरानी में मोतियाबिंद की सर्जरी को करवाएं |
यदि आप में कोई भी व्यक्ति मोतियाबिंद की समस्या से पीड़ित है और इलाज करवाना चाहते है तो इसके लिए आप चोपड़ा नेत्रालय से परामर्श कर सकते है | इस संस्था में मौजूद सभी डॉक्टर पंजाब के बेहतरीन ऑप्थल्मोलॉजिस्ट में से एक है, जो मोतियाबिंद का इलाज कर इस समस्या से छुटकारा दिलाने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही चोपड़ा नेत्रालय नाम वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |