Chopra Nethralaya

Contact us

    गर्मियों में आँखों की सर्जरी को करवाने से जुड़े कुछ मिथ्स और फैक्ट्स, जो करे गलतफहमियों को दूर

    गर्मियों में आँखों की सर्जरी को करवाने से जुड़े कुछ मिथ्स और फैक्ट्स, जो करे गलतफहमियों को दूर

    Loading

    आँखों की सर्जरी, खासकर मोतियाबिंद और लेसिक जैसे रिफ्रैक्टिव सर्जरी हमेशा से ही कई मिथकों से घिरी हुई रहती है, खासतौर पर इन प्रक्रियाओं को करवाने के लिए साल के सबसे अच्छे समय के बारे में | एक आम धारणा यह भी है की गर्मियों के मौसम में आंखों की सर्जरी को करवाने से, इससे जुड़े कुछ जोखिम कारक बढ़ जाते है, इसलिए गर्मियों का मौसम आंखों की सर्जरी के लिए आदर्श नहीं माना जाता | हालांकि इनमें से कई चिंताएं तो बेबुनियाद है | आइये जानते है गर्मियों में आँखों की सर्जरी को करवाने से जुड़े ऐसे ही कुछ मिथ्स और फैक्ट्स के बारे में :- 

    मिथ्स 1. :-  गर्मी और नमी के कारण आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है | 

    फैक्ट्स :- आधुनिक शल्य चिकित्सा जैसे तकनीक और पोस्ट ऑपरेटिव देखभाल मौसम की परवाह किये बिना संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए निर्मित है | जब सर्जरी के दौरान और सर्जरी के बाद उचित स्वच्छता और सही प्रोटोकॉल से देखभाल की जाती है, तो इससे गर्मियों या फिर अन्य मौसमों के बीच संक्रमण के दर में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं होता |

    मिथ्स 2. :- सूर्य की रौशनी के संपर्क में आने से जटिलताएं उत्पन्न हो जाती है | 

    फैक्ट्स :- हालांकि यह बात बिल्कुल सच है की युवी रेज़ के अत्यधिक संपर्क से आँखों को काफी नुक्सान पहुंच सकता है, लेकिन यह केवल मौसमी समस्या नहीं होता है, बल्कि यह साल भर होने वाली चिंताएं होती है | मरीज़ को डॉक्टर द्वारा सर्जरी के बाद आंखों को हानिकारक युवी रेज़ से बचाने के लिए युवी-सुरक्षात्मक धुप का चश्मा पहनने का सुझाव दिया जाता है |

    मिथ्स 3. :- गर्मियों में आंखों में अत्यधिक सूखापन आ जाता है | 

    फैक्ट्स :- रिफ्रैक्टिव सर्जरी के बाद आंखों में सूखापन आना, इसके लक्षण हो सकते है | लेकिन यह ज़रूरी नहीं होता है की गर्मीं के मौसम में ही यह अत्यधिक शुष्क हो जाएं | गर्मियों के दौरान होने वाली वातानुकूलित पर्यावरण आंखों के सूखापन होने में योगदान देती है | लेकिन यह सर्दियों के मौसम में भी अनुभव किये जाने वाली सुखी इनडोर हवा के एक समान होती है | 

    मिथ्स 4. :- गर्मियों में आंखों सर्जरी के बाद उसे ठीक होने में अधिक समय लग जाता है | 

    फैक्ट्स :- आंखों की सर्जरी होने के बाद उसके ठीक होने की अवधि कभी भी मौसम के हिसाब से नहीं बदलती | उपचार वर्ष के समय के बजाए रोगी के निजी कारकों और सर्जरी के बाद की गयी देखभाल के पालन पर निर्भर करता है | सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा निर्धारित युक्तियों का उचित अनुसरण और सुनिश्चित देखभाल करना एक सुचारू रिकवरी की कुंजी होती है, इसलिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, कि अपने आंखों की सर्जरी कब और कौन से मौसम में करवाई है | 

    मिथ्स 5. :- गर्मियों में होने वाली एलर्जी से परेशानी बढ़ सकती है | 

    फैक्ट्स :- दरअसल कुछ लोगों को गर्मियों के मौसम में कुछ मौसमी एलर्जी की वजह से आंखों से जुड़ी कई समस्याओं से गुजरना पड़ जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होते कि इसके लिए आपको सर्जरी को करवाने की ज़रुरत पड़ जाएं | हालांकि ऐसी एलर्जी का समाधान केवल दवाओं और कुछ युक्तियों के अनुसरण से ठीक किया जा सकता है | 

    यदि आप में से कोई भी व्यक्ति आँखों से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से गुजर रहा है और अपना इलाज करवाना चाहते है तो इसमें चोपड़ा नेत्रालय आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इस संस्था में मौजूद सभी डॉक्टर पंजाब के बेहतरीन ऑप्थल्मोलॉजिस्ट में से एक है जो पिछले 24 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का इलाज कर उनकी समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायता कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही चोपड़ा नेत्रालय की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |